संजय जैन (मुंबई) इंतजार है   विधा : कविता तुझे देखने का हर रोज,

संजय जैन (मुंबई)


इंतजार है  
विधा : कविता


तुझे देखने का हर रोज,  
हम इंतजार करते हैं।
दिल से हम तुम्हे बहुत,
प्यार करते है।
कल का दिन तुझे देखे,
बिना निकल गया।
अब आज हमे  तेरा,
बहुत इंतजार है ।।


आंखों से तीर छोड़ने की,
जो तेरी अदा है।
तेरी आँखों में नशा है।  
जो निगाहो से ओझल,
होकर भी उतरता नहीं।
तेरी इन्ही अदाओ पर,
कितने लोग फ़िदा है।।


दिल से मिलने की,
आज मुझे प्यास है।
तेरे हाथो से पिने की
बहुत आस है।
कुछ भी जी भरके,
हमे तुम पिला दो।
सोया हुआ अपना,
प्यार जगा दो।।


अब ये दिल तेरे बिना,
कही लगता नही।
क्योकि हर सांसो पर,
नाम जो तेरा लिखा है।
मेरे दिल में एक तूफान है,
जो तेरी आग को बुझा देगा।
कसम से कहता हूं मैं ,
की हम दोनों को प्यार है।।


जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुंबई)
29/01/2020


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