संजय जैन (मुम्बई) वतन से प्यार करो* विधा : गीत

संजय जैन (मुम्बई)


वतन से प्यार करो*
विधा : गीत


छोड़ दिया साथ तो,
क्या में मार जाऊंगा।
अब में दिल किसी और
से कभी लगाऊंगा नही।
मुझको अब तक 
जितने मिले साथी,
सब के सब वो 
दिल से खेलने वाले थे।
गैरो की हम क्यों बात करे
हम तो अपनो के हाथों ही लूटे।।


अब किसी पर मुझे 
यकीन होता नही।
इसलिए दिल किसी से हम अब लगता नही।
छोड़कर प्यार मोहब्बत को हम,
अब वतन से दिल 
हम लगाने लगे।
और भारत माँ पर
कुर्बान होने लगे।।


दिल टूटने पर 
में मारने गया।
जैसे ही नदी में 
कूदने लगा।
पीछे से किसी ने 
मुझे पकड़ लिया।
क्यो मोहब्बत के लिए 
जान देते हो तुम।
तुम वतन से मोहब्बत 
अब करने लगो।
और कर जाओ 
कुछ ऐसा तुम,
नाम तेरा अमर 
हो जाये यहां।।


जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
16/01/2020


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