गुणातीत हे जगतपिता
तुम्ही आदि अंत सृष्टि के
श्रीराधा हृदय के प्राण
तुमआधार सुख वृष्टि के
जो जपे तुम्हारा नाम
माधव वह तेरा हो जाये
जग कष्ट न कोई घेरे
खुशी दौड़ दौड़के आयें
मानव देह मिली मुझे
पूजन अर्चन करूँ तुम्हारा
मोह माया में फँसकर
स्वामी भूला नाम तुम्हारा
नारायण हे राधे रानी
जीवन नौका की पतवार
जग बंधन से मुक्त करो
सत्य शरण हे करुणाधार।
श्रीराधे कृष्णाय नमो नमः🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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