सत्यप्रकाश पाण्डेय
मेरे श्याम सा कोई देखा नहीं संसार में
बिक जाते हैं कान्हा तो केवल प्यार में
जिनके दर्शन पाने में बीतें जन्म हजारों
जप करके हार गये ऋषि मुनि मेरे यारो
वो कान्हा दौड़े आयें भक्तों की पुकार में
मेरे श्याम सा कोई देखा नहीं संसार में
ग्वाल बाल संग खेल कूदके वह बड़े हुए
धर्म रक्षा के लिए सदा ही वह खड़े हुए
कैसे अवर्चनीय गुण देखो मेरे करतार में
मेरे श्याम सा कोई देखा नहीं संसार में।
श्रीश्यामाय नमो नमः
सत्यप्रकाश पाण्डेय
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511