सत्यप्रकाश पाण्डेय
सरस्वती वंदना
वीणापाणि वर दे
झोली खुशियों से भर दे
पद्मासना हे माता
हृदय आलोकित कर दे
तेरा स्नेह पाकर
आती पतझड़ मे बहार
हिय सरोवर में माँ
प्रकटे है ममता की धार
जिसको कृपा मिली
वो जग में हुआ निहाल
ज्ञान दायिनी माता
हर लो तमस विकराल
शरण आपकी माते
मेरी भरो ज्ञान से झोली
रहे न कालिमा मेरे
माँ पिक सी करदो बोली।
माँ शारदे का प्राकट्य दिवस आपके जीवन में सुख समृद्धि और संपन्नता लेकर आये🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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