सौदामिनी खरे,*दामिनी* रायसेन मध्यप्रदेश कविता जवानी पल पल घटता ये जीवन जीने की प्यास  बढ़ाता है

सौदामिनी खरे,*दामिनी* रायसेन मध्यप्रदेश कविता जवानी



पल पल घटता ये जीवन जीने की प्यास
 बढ़ाता है
सुख-दुख के झूले मे जीवन चलता जाता है
मौसम यू परिवेश बदलता हर पल हमें लुभाता है
पल पल *********
वर्षा मे शरदी की पुकार ,
शरदी मे गर्मी बुलाता है
हर मौसम की मुस्कान खुद मे समेटे जाता है
पल पल **********
बचपन यूँ खेल खिलाये जवानी 
मे सो सो कर समय बिताता है,
जवानी के अनमोल समय को यूँ  क्यों बिताता है 
पल पल *************
उम्र गुजरते ही ईश्वर से ध्यान  लगाता है,
धूल धूसरित मुर्झाया पुष्प ईश्वर को भेंट चढ़ाता है,
समय गया फिर क्यों पछताता है
पल पल घटता ये जीवन जीने की प्यास जगाता है ।


 
 
रचना कार-सौदामिनी खरे,*दामिनी* रायसेन मध्यप्रदेश ✍🏻🙏🏻


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