शारदे वन्दना
कवि अतिवीर जैन "पराग"मेरठ
9456966722
धार देना :-
हे माँ वाणी नमन तुम्हे,
आप मेरी कलम को,
कुछ ऐसी धार देना.
देशद्रोहीयों पर करे प्रहार,
लेखनी में प्रहार देना.
दूर हो धर्म भिभेद,
कुछ ऐसे विचार देना.
राग देष से दूर रहे,
कुछ ऐसी धार देना.
देश आगे बढ़ता जाये,
कुछ ऐसा प्रवाह देना.
सौहार्द प्यार के गीत लिखूं,
मेरी लेखनी को धार देना.
देश हित में ही लिखे,
कुछ ऐसा उपहार देना.
हे माँ वाणी नमन तुम्हे,
सर्वे भवन्तु सुखिनः की
बात लिखूं,
ऐसा वर उपहार देना.
स्वरचित,
अतिवीर जैन पराग,मेरठ.
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