शिक्षक सर्वोपरि है

राहुल मौर्य 'संगम' (स0 अ0)
प्रा0 वि0 कटैला
वि0 ख0 धौरहरा
जिला- लखीमपुर खीरी
मोबाइल- 9452383538
स्वरचित
विषय - "शिक्षक सर्वोपरि है"
विधा- कविता


शिक्षक जीवन सदियों से ही, कहता नई कहानी है ।
वसुधा के हिय पर हर-पल , लिखता नई कहानी है।।


शिक्षक कभी न बूढ़ा होता,
शिक्षक कभी न मरता है।
चक्षु ज्ञान पटल प्यालों से,
वह पात्र कुम्भ सा गढ़ता है।।


विश्व पटल  के  सम्मुख वह, कहता नई कहानी है ।
निर्झर नीरव नीर सा निर्मल,लिखता नई कहानी है।।


शिक्षक कभी नहीं इठलाता है,
शिक्षक कभी नहीं घबराता है।
जीवन की कठिन तपस्या से,
वह नव भारत को चमकता है।


खून-पसीना भी उसका अब, कहता नई कहानी है ।
भरकर हुँकार रण-कण पर, लिखता नई कहानी है।।


शिक्षक टेंशन का मारा है,
शिक्षक पेंशन का मारा है।
दिन ढल जाने पर अक्सर,
विधु का एकमात्र सहारा है।


शिक्षक जीवन सदियों से ही, कहता नई कहानी है ।
वसुधा के हिय पर हर-पल , लिखता नई कहानी है।।


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...