कविता--आओ, पढाई कर लो बेटी
छोङो चूल्हा - चौकी रोटी।
आओ, पढाई कर लो बेटी।।
घर का बाद में करना काम।
जग में रोशन कर लो नाम।।
विदूषी बन महको ज्यों फूल।
लो बस्ता, जाओ स्कूल।।
पढो-लिखो, छूलो नभ-चोटी।
छोङो चूल्हा - चौकी रोटी।
आओ, पढाई कर लो बेटी।।
नहीं हो तुम बेटों से कम।
शक्ति-स्नेह का हो संगम।।
दम दिखादो अपना जग में।
पूरा कर लो सपना जग में।।
बङी हो तुम, दुनिया है छोटी।
छोङो चूल्हा - चौकी रोटी।
आओ, पढाई कर लो बेटी।।
--सुनील चौरसिया 'सावन'
अमवा बाजार, रामकोला, कुशीनगर, उप्र.
9044974084, 8423004695
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