कविता:-
*"इस जीवन से"*
"मिट सकती चिन्ताएं सारी,
साथी इस जीवन से।
हो सकता है आनंदमय,
जीवन भक्ति से।
गुनगुनाएं जा सकते गीत,
साथी इस जीवन में।
मिल सकती मुक्ति जीवन में,
साथी चिन्ताओं से।
-लेकिन,
करनी होगी जीवन में अपने,
साधना-अराधना।
अन्यथा चिन्ताएं साथी,
खा जायेगी जीवन को।
दे जायेगी जीवन को अपने,
रोग-शोक-निराशा।
मिट सकती है चिन्ताएं सारी,
साथी इस जीवन में।
हो सकता है आनन्दमय,
साथी जीवन भक्ति से।।"
ःःःःःःःःःःःःःःःःः सुनील कुमार गुप्ता
sunilgupta.abliq.in
ःःःःःःःःःःःःःःःःः 19-01-2020
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
सुनील कुमार गुप्ता कविता इस जीवन से
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