सुनील कुमार गुप्ता ठहर कर कुछ पल

कविता:-
     *"ठहर कर कुछ पल"*
"ठहर कर कुछ पल जीवन में,
साथी सोचते-
इस जीवन में।
मैं-ही-मैं संग यहाँ साथी,
कितना-मिलेगा संग-
इस जीवन में।
छोड़ कर मैं कुछ पल को,
चलते संग जो साथी-
इस जीवन में।
पा लेते अपनत्व का सुख,
अपनो से-
इस जीवन में।
महक उठती जीवन- बगिया,
गुनगुनाते गीत खुशी के-
इस जीवन में।
त्याग कर सुख अपना कुछ पल,
देते सुख अपनो को-
इस जीवन में।
ठहर कर कुछ पल जीवन में,
साथी सोचते-
इस जीवन मे।।"
ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः        सुनील कुमार गुप्ता
sunilgupta.abliq.in
ःःःःःःःःःःःःःःःःः        27-01-2020


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