नाम रतन राठौड़
पता 1/1313, मालवीय नगर, जयपुर-302017(राज.)
मो. 9887098115
कविता :: तेरे प्यार में.....
शीत ताप ब्यार में
सनम तेरे प्यार में
आकुल है, व्याकुल है
तन बदन बैचेनियाँ।
रोम रोम जल रहा
प्रेम सँग पल रहा
झरने की धार में
पत्थर की परेशानियाँ।
प्रेम ज्वर की मदहोशी
न पुष्प, न भ्रमर दोषी
मानव मन ईश सार में
नाच रही ये सारी दुनियाँ।
मिलन की आस तक
अंतिम सांस तक
जर्रा जर्रा इंतजार में,
शीत ताप ब्यार में,
सनम तेरे प्यार में।।
***
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें