9920796787 रवि रश्मि 'अनुभूति '
मदिरा सवैया
प्यार भरा जब हो मन में ,
दुनिया दिखती तब सुंदर सी ।
हो जब भेद सुने मन को ,
हर चीज़ दिखे तब मंदिर सी ।।
आज करें खग शोर सभी ,
अब चाल चलें सब मंथर सी ।
मूरत तो प्रभु देख सकें ,
हमको दिखती अब शंकर सी ।।
ज्ञान सुनो अब हमको दो ,
सुन आँख खुले अब तो सबकी ।
आन खड़े अब द्वार सभी ,
कर ध्यान गुणी लखते अब की ।।
देख ज़रा अब हालत ये ,
कर ध्यान अभी सुधरे सबकी ।।
मूरत आज दिखे जिनकी ,
तिन देख सकें हम तो तब की ।।
$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$
(C) रवि रश्मि 'अनुभूति '
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें