सुबह सुबह सूरज की लाली
सुबह सुबह
सूरज की लाली
तन मन को भाती है ।
ठंड के इस मौसम में
सबका मन लुभाती है ।
सुबह से दिखती है
सूरज की लाली ।
छट जाती है
रात वो काली ।
सूरज की किरणो से
सबको उर्जा मिलती है ।
वन उपवन के पेड़
पौधों की ओस
बूंदें हटती है ।
सुबह सुबह सूरज
की लालिमा सबके
मन को भातीं है ।
सुबह सुबह सूरज
की किरणें ठंडी
को दूर भगाती है ।
गरीबो की गरीबी को
धूप ही लाज बचाती है ।
ठंड के इस मौसम में
ठंड से मुक्ति मिलती है ।
सुबह सुबह सूरज की
किरणें सबके तन मन
को बहुत ही भाती है।
सुबह सुबह सूरज की
लाली सबके तन मन
को बहुत लुभाती है ।
अनन्तराम चौबे
अनन्त
जबलपुर म प्र
1856 /634
9770499027
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