सतत पटल पर,,,,
कहती थी जो नानी कहानी,
बात हुई वो तो बड़ी पुरानी,
देख आज का चलन लगा के
बात मोहब्बत हुई बेमानी,,,,,
मुफ्त की चीजों के क्यों आगे
दिल्ली हो रही बड़ी दीवानी
राष्ट्रवाद को हरा के मूर्खो ने
दे दी है गद्दारी की निशानी,,,,,
मुश्लिम कौम की एकता देखी
जग ने देखी जहरीली बानी
हिन्दू राष्ट्र नवनिर्माण के हेतु
अब तो जागो हिंदुस्तानी,,,,,
आनंद पाण्डेय "केवल"
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