आशुकवि नीरज अवस्थी बसंत होली मुक्तक 9919256950 किसी को याद कर लेना, किसी को याद आ जाना।

आशुकवि नीरज अवस्थी बसंत होली मुक्तक


9919256950


किसी को याद कर लेना, किसी को याद आ जाना।


बड़ा रंगीन है मौसम हमारे पास आ जाना. 


सभी  बागों मे अमराई है, मौसम खुशनुमा यारों,


कसम तुमको है प्रीती तुम मेरे ख्वाबों में आ जाना. [1]    
                                        
दिल के बागों में प्रीति पुष्प खिला कर देखों ।
नेह  का रंग अमित प्रेम लुटा कर देखो..  ।    तेरी यादें  मुझे लिपटी है अमरबेलों सी,
होली आती है मुझे फ़ोन लगा के देखो.. (2)  
                    


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