शिव स्तुति
करते है मंगल दूर करते अमंगल,
मृत्यु हरते अकाल त्रिपुरारी भोलेनाथ जी।
कर में त्रिशूल मृगचर्म परिधान धारी,
दीनन के नाथ हम अनाथ भोले नाथ जी।।
सृष्टि को बचाने हित पी गये हलाहल विष,
दानी महादानी हैं हमारे भोलेनाथ जी।
भाल में मयंक जिनकी जटाओं में गंग धार,
सर्पमाल भस्म को रमाये भोले नाथ जी।।
रात्रि महारात्रि शिवरात्रि शिव को प्यारी अति,
बार बार आपको मनाऊँ भोले नाथजी।
जीव जन्तु नीरज से जन जुड़े जो धरती के,
उनके दुःखो को दूर करो भोलेनाथ जी।।
आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक मङ्गलमय शुभकामनायें।
भगवान आशुतोष आप की सभी मनोकामनाओ को पूर्ण करे।। (1)
समस्त जीवों के दुःख हर्ता ,हमारे भोले नमामि शम्भू।
समस्त सृष्टी के बिघ्न हर्ता ,हमारे भोले नमामि शम्भू।
हर एक से होवे जब निराशा ,त्रिनेत्र शम्भू से एक आशा।
दुर्भाग्य नाशक सौभाग्य दाता,हमारे भोले नमामि शम्भू।
बहुत सरलता से मान जाते,जन--हित में विष भी पी जाते।
त्रिशूल धारी बृषभ सवारी,हमारे भोले नमामि शम्भू।
है चंद्रमा भाल पे बिराजे,और जटाओं में गंग साजै।
अकाल मृत्यु को हरने वाले,हमारे भोले नमामि शम्भू।(2)
आशुकवि नीरज अवस्थी मो.-9919256950
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