अभिलाषा देशपांडे

माँ


-दुआये
दुआये माँ की , कम नहीं होती
माँ तो माँ , खुदासे कम नहीं होती!
माँ कल खुदासे जबाबतलबी करती रही
मुश्किले क्यों मेरे बेटे कि कम नहीं होती!
एक दिन मेरा बेटा भी सिकंदर बनेगा
माँ की उम्मीदे कभी कम नहीं होती!
मेरा पहला गुनाह और माँ का वो थप्पड
सबक देनेमें माँ को शरम नहीं होती!
मेरा दावा हैं कि, दुनिया में कोई भी चीज
माँ के दिल से ज्यादा नरम नहीं होती!
स्वरचित
अभिलाषा


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