महाशिवरात्रि :-
ओम जय भोलेभंडारी,
महिमा तुम्हरी अपरम्पार,
सुर असुर,देव नर किन्नर,
सब गावे महिमा न्यारी.
शिव,शंकर, भोले,त्रिपुरारी,
भस्म लपेट,बाघम्बर पहना,
गौरी को ब्याहने चले,
कर बसहा पर सवारी.
ओम जय भोले भंडारी.
उमा का तप आज रंग लाया,
अघोरी आज ब्याहने आया,
भूत पिशाचों की बारात है लाया,
महाशिवरात्रि पर्व मनाया.
ओम जय भोले भंडारी.
पार्वती संग जब आप विराजौ,
छवि लगती अति प्यारी,
गणेश कार्तिकेय मध्य बिराजे,
आप सब जग के पालनहारी.
ओम जय भोले भंडारी.
स्वरचित,अतिवीर जैन पराग, मेरठ
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