अवनीश त्रिवेदी "अभय"

 


तमाम  इल्म जानता  हैं  फ़क़त खूब अदीब है वो।
रहे  चाहें   दूर  मुझसे  मगर  बहुत  करीब  है  वो।


बदौलत उसके सभी सुख मयस्सर अब भी हमें हैं।
खुदा  का  हैं  नूर रुख पर मिरा रोज  नसीब है वो।


अवनीश त्रिवेदी "अभय"


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