अवनीश त्रिवेदी"अभय"

इक मुक्तक


कई  गम दफन  हैं  दिल  में  कई  अरमान घायल हैं।
हमे कहीं और न भरमाओ हम तुम पर ही कायल हैं।
हमारे दिल को अब तो  कोई  भी सुर ही  नही  भाता।
जिसकी छम-छम से मिलता चैन वो तेरी ही पायल हैं।


अवनीश त्रिवेदी"अभय"


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