*रचना-प्रभात वंदन*
खुशियां फैले जग में सारी,
फैले मानवता का प्यार।
प्रेम भाव हो चहुँ दिशा में,
मानवता की हो जयकार।
नमन करूं भारत माता को,
मिटे जगत से अत्याचार।
राग द्वेष की बहे न धारा,
हिंसा मुक्त हो जगत हमारा।
मानवता व प्रेम भाव का ,
करें आपसी हम व्यापार।....
खुशियां फैले जग में सारी,
फैले मानवता का प्यार।
प्रेम भाव हो चहुँ दिशा में,
मानवता की हो जयकार।...
..........भुवन बिष्ट
रानीखेत (अल्मोड़ा)
उत्तराखंड
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें