डा इन्दु झुनझुनवाला

विषय -देश प्रेम 


आज तिरंगा रोता है ।


जब कोई सैनिक सीमा पर, अपना शीश चढ़ाता है।
 जब कोई माँ का लाल, तिरंगे मे लिपट कर सोता है। 
तब शान से यह लहराता है ।


पर आज तिरंगा रोता है।


जब वीर कोई परिवार छोड,सीमा पर ठाँव बनाता है ,
तब माइन्स डिग्री पे देखो ,बिछौना बर्फ सजाता है । 
तब शान से यह लहराता है ।


पर आज तिरंगा रोता है।


सर्दी गर्मी हो धूप छाँव,बरसात या खाने के लाले,
जब कोई प्रेमी देशप्रेम पे, अपनी जान लुटाता है ।
तब शान से ये लहराता है ।


पर आज तिरंगा रोता है ।


पर जब कोई देश का वासी, देश के अन्दर सेंध लगाता है ।
जब कोई भारत का बनकर ,भारत माँ को ही सताता है ।


तब माँ का तिरंगा रोता है ।
 आज तिरंगा रोता है।


जब  देश द्रोह का साथी बन,वो पीठ पे वार कराता है ।
माँ का लाल फिदायिन बन,जब माँ की कोख लजाता है। 
मजबूर तिरंगा रोता है ।


पर आज तिरंगा रोता है।


हिन्दु मुस्लिम के झूठे खेल,हर कौम की नाक कटाता है ।
स्वार्थ मे डूबा मानव,दानव बन,मानवता को ठुकराता है ।
ऐसे मे  तिरंगा रोता है । 


आज तिरंगा रोता है ।
डा इन्दु झुनझुनवाला 
👏


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