डा0विद्यासागर मिश्र"सागर" सीतापुर/लखनऊ उ0प्र0

नारी सशक्तीकरण पर मेरा एक और छन्द।
कौन कहता है नारी अबला रही सदैव,
नारियों की शक्ति को है जग पहचानता।
चाहें लक्ष्मीबाई हो चाहें झलकारी बाई,
रानी दुर्गावाती को कौन नहीं जानता।
रानी पद्मा समान यहाँ पर नारियां है,
सारा विश्व नारियों के शौर्य को बखानता।
हाड़ा रानी के समान कोई हुआ ही नही है,
भारतीय नारियों का जग लोहा मानता ।।
रचनाकार 
डा0विद्यासागर मिश्र"सागर"
सीतापुर/लखनऊ
उ0प्र0


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