............. मतवाले दो नैन.............
मतवाले दो नैन हमेशा याद आते हैं।
नैनों से ही नैनों में फरियाद जाते हैं।।
जिन नैनों में डूबे रहते थे रात - दिन ;
उनकी गहराई हमेशा याद आते हैं।।
देखे बिना चैन न मिलता था पलभर;
नैनों का वो नशिलापन याद आते हैं।
नैनों से नैनों की दूरी तो बर्दाश्त नहीं;
उनमें पूरे जहां दिखना याद आते हैं।
नैनों में बसी याद कभी मरती नहीं ;
नैनों में इंतजार केभाव याद आते हैं।
जिन मज़ेदार नैनों के दीवाने हुए थे;
उनके दीवानापन हमें याद आते हैं।।
भले ही अपनी जान जाए"आनंद" ;
नैन रहे कायम जिनमें याद आते हैं।
---- देवानंद साहा"आनंद अमरपुरी"
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