................ख्वाहिशों के गांव में................
मनपसंद चीजें मिलते हैं,ख्वाहिशों के गांव में।
अपने करीब होते हैं , ख्वाहिशों के गांव में।।
जब कभी भी अपनों का दीदार हो जाता ;
मन में खुशियां होते हैं , ख्वाहिशों के गांव में।।
नहीं होता किसी तरह का गलत अंदाज ;
दिल से दिल मिलते हैं , ख्वाहिशों के गांव में।।
चारों तरफ दिखते हैं , हरे - भरे मंज़र ;
जब कदम पड़ते हैं , ख्वाहिशों के गांव में।।
कहीं से कोई किसी की बदनियती न दिखे;
ऐसे उम्मीद होते हैं , ख्वाहिशों के गांव में।।
जैसे भी हो ठीक से गुजर जाए जिन्दगी ;
ऐसे ख्वाहिश होते हैं , ख्वाहिशों के गांव में।।
जब तब जैसे कटता , कट जाता"आनंद" ;
अंत ठीक से गुजरते हैं,ख्वाहिशों के गांव में।।
-------------- देवानंद साहा "आनंद अमरपुरी
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