......................माहजबी......................
आशिक़ के लिए माशूका माहज़बी होती है।
भले ही गैरों के लिए वो अजनबी होती है।।
हम देखते हैं सबको अलगअलग नज़रों से;
जो दिल के करीब हो वो हमनशी होती है।।
ज़माना जो जी चाहे कहे , परवाह नहीं ;
दोनों एक दूसरे की जिंदगी होती है।।
प्रेम का एहसास एक नायाब जज्बा है ;
दोनों के एक दूसरे से दिल्लगी होती है।।
प्रेम भरोसा और विश्वास पर टिका होता है;
जरा भी डगमगाए तो दुश्मनी होती है।।
प्रेम को कभी भी पैसे से न तौला जाए ;
ऐसा करना बहुत बड़ी दरिंदगी होती है।।
इस बात के तो हम कायल हैं "आनंद" ;
सच्चा प्यार तो सबसे बड़ी बंदगी होती है।।
------------ देवानंद साहा "आनंद अमरपुरी"
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