देवानंद साहा "आनंद अमरपुरी"
महंगाई व उसकी वास्तविकता............
यूं तो मुल्क के आवाम समस्याओं से हैं त्रस्त।
पर खास तौर से ये लोग महंगाई से हैं ग्रस्त।।
इधर हमारे थालियों से हैं व्यंजन घटते जा रहे ;
उधर नेता और मंत्री रंगरेलियां मनाने में हैं मस्त।।
पढ़ाई , इलाज आदि खर्च , सोच से है बाहर ;
पर प्रशासन और सरकार,आंकड़ों में है व्यस्त।।
सभी व्यापारी कहते हैं , उनकी हालत ठीक नहीं ;
फिर किनकी है ठीक , ये सवाल दे रहे हैं गश्त।।
पहले अत्यधिक खाने की आदत से थे परेशान;
अब मजबूरन भूखे पेट,पानी पीकर होते हैं दस्त।।
कुछ हवाई यात्रा करते , बांकी पैदल को मजबुर;
अधिकतर लोग ऐसी जिंदगी से हो रहे हैं पस्त ।।
यही वास्तविकता है,अभी के जमाने की"आनंद";
मज़बूरी है जीने की,इसलिए हम हो रहे हैं अस्त।।
-------------------- देवानंद साहा "आनंद अमरपुरी
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