देवानंद साहा "आनंद अमरपुरी"

लघु कथा:-


.........आवश्यकता को वरीयता.........


    दो मित्र बातें करते जा रहे थे।अचानक सामने एक घायल पक्षी आकर गिरा।एक ने उस पक्षी को देखकर उठा लिया।दूसरा झल्लाने लगा कि इतने दिनों बाद हमदोनों इकट्ठे हुए,अपनी सुख-दुख की बातें एक-दूसरे को सुनाने के लिए और तुम इन सब बातों में मज़ा किरकिरा कर दोगे।मित्र ने उसकी बात को तवज्जो नही दी।पक्षी को दुलराने लगा,घायल स्थान को साफ किया और अपने रुमाल से ज़ख्म पर पट्टी बांध दी।पक्षी अब बहुत राहत महसूस कर रहा था।धीरे-धीरे चलने लगा और कृतज्ञता की भाव से पहले मित्र को देखते हुए धीरे-धीरे उड़ गया।दूसरे मित्र की आँखें खुली और उसने माना कि आवश्यकता को वरीयता दी जानी चाहिए।


-------------देवानंद साहा "आनंद अमरपुरी"


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