महाशिवरात्रि- 2020
छंद - मत्तगयंद सवैया (वार्णिक छंद )
शैल सुता मनुहार करे प्रभु संत दिगंबर धूनि रमाये ।
शंभु शिवा द्वय एक हुए शुभ पर्व महा शिवरात्रि कहाये ।
कंत महेश उमा अति पावन फागुन मास विशेष बनाये ।
धूम मची बम बं लहरी चहुँ आज सखी शिव व्याहन आये।
रूप अनूप त्रिनेत्र धरे भुज दण्ड कमंडल शूल उठाये ।
भाल त्रिपुंड ललाट महा मृगछाल सजा तन भस्म लगाये।
भूत पिशाच बरातिन सेवक से गण मीत समाज बनाये ।
गाल फुला सब शंख बजा चहुँ ओर दिगंतर धूम मचाये।
नाम जटाधर गंग बहे शशि शेखर से मन भृंग लुभाये ।
मातु सती वरमाल लिए पितु शंकर भाल सुहाग सजाये।
लाल महावर पाँव रचा जब नूपुर के धुन मंगल गाये ।
दक्ष सुता अभिसार करे शुभ संग सजे त्रिपुरारि सुहाये ।
डॉ.प्रेमलता त्रिपाठी
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