अंगूठी
मैं अंगूठी नायाब हूँ
मैं अंगूठी हूँ प्रमाण इतिहास का,
भारत के पुरातन राष्ट्र निर्माण का,
मैं हूँ शाश्वत चिरन्तन प्रतिमानक,
खूबसूरत मुहब्बत ए दीदार का।
अंगूठी हूँ स्मृतिचिह्न सिया राम की,
वियोगिनी विरही मिलन नवाश की,
मैं डोर हूँ हर कशिश दिलदार की,
मानक मैं अनुराग का परस्पर मिलन हूँ।
तोहफ़ा या समझो सगुन अनुबन्ध का,
प्रेमी युगल तटबन्ध नित जीवन्त हूँ,
आभास हूँ अहसास बन प्रेमी हृदय,
प्रेमी युगल नित प्रीत का उद्गार हूँ।
चारुतम कंचन रजत मणि हीरा जड़ित,
पत्थरों में सजी हूँ अनवरत रंगीन मैं ,
मैं मांगलिक परिणय युगल नव जिंदगी,
ऊँगुलियों में सजी शोभा बनी अंगूठी हूँ।
बन शान व सम्मान खूबसूरत महफ़िलें,
समरस अमन समदर्श का प्रतीमान हूँ,
सुन्दर मनोरम जिंदगी हर चाहतें ,
बेवफ़ाई के सितम ए गमों में अंगूठी ,
दर्द ए ज़िगर अभिलेख बन नयनाश्रु हूँ।
जोड़ती हर प्यार को बन मधुरिमा,
हौंसलों की उड़ान मैं खिली मुस्कान हूँ,
हूँ सहेली हमसफ़र प्रेम का शृङ्गार मैं,
मनोहर आनंदकर प्रियहृदय अभिलाष हूँ।
सुन्दर सुखद नित प्रेमरस पैगाम हूँ,
सजनी सजन रतिराग बन अनुराग हूँ,
नवकिरण बन जिंदगी नव उल्लास मैं,
अंगूठी प्रियतर मनुज रोशनी नायाब हूँ।
डॉ. राम कुमार झा निकुंज
रचनाः मौलिक(स्वरचित)
नयी दिल्ली
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
डॉ. राम कुमार झा निकुंज नयी दिल्ली
Featured Post
दयानन्द त्रिपाठी निराला
पहले मन के रावण को मारो....... भले राम ने विजय है पायी, तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम रहे हैं पात्र सभी अब, लगे...
-
सुन आत्मा को ******************* आत्मा की आवाज । कोई सुनता नहीं । इसलिए ही तो , हम मानवता से बहुत दूर ...
-
मुक्तक- देश प्रेम! मात्रा- 30. देश- प्रेम रहता है जिसको, लालच कभी न करता है! सर्व-समाजहित स्वजनोंका, वही बिकास तो करता है! किन्त...
-
नाम - हर्षिता किनिया पिता - श्री पदम सिंह माता - श्रीमती किशोर कंवर गांव - मंडोला जिला - बारां ( राजस्थान ) मो. न.- 9461105351 मेरी कवित...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें