सभी कविवरों को महाशिवरात्रि की असीम शुभकाना
भोला भंडारी
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मेरा भोला है भंडारी,
जिसकी दुनिया न्यारी-न्यारी
होके नंदी पर सवार
करे भक्तों की रखवारी।मेरा भोला है भंडारी।।
माथे पे चंदा सोहे,
भक्तों को खूब मोहे।
कंठ में भुजंग धारे
नीला-नीला कंठ मोहे
सिर पर अमृत गंगा वारी।
मेरा भोला है भंडारी।
जिसकी दुनिया न्यारी-न्यारी
होकर---------------------
------------------रखवारी।
आया सावन का महीना
झूमे शंकर का दीवाना
पूजे सारे देवी देवा शम्भूनाथ को
भोलेनाथ को।
डम-डम डमरु हाथ बिराजे
संग में पार्वती हैं प्यारी।मेरा भोला है भंडारी।
जिसकी दुनिया न्यारी-न्यारी।
होकर ---------------------
--------------------रखवारी।।
सारे जग का है वो देवा,
करते निशदिन उसकी सेवा।
करते नैय्या सबकी पार,
शम्भूनाथ हो,भोलेनाथ हो।
वो तो भस्म, त्रिनेत्र हैं धारी
जिसकी सुंदर छवि है न्यारी
मेरा भोला है भंडारी,
जिसकी दुनिया न्यारी-न्यारी।
होकर -----------------------
--------------------रखवारी।
मेरा भोला है भंडारी-------।।
©डॉ शेषधर त्रिपाठी'शेष'
पुणे, महाराष्ट्र
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