डॉ0 नीलम अजमेर
*जाने दो न*
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जरा नजर भर हमको देखो
दुनिया क्या कहेगी *जाने दो न*
इसकी उसकी किसकी बातें
क्यों लेकर बैठ गये
कुछ पल पास आकर बैठो अपनी भी दो बातें कर लो
कोई भी सुन लेगा सुन लेने दो
क्या करेगा सुन कर बातें
*जाने दो न*
ये तो हैं जग वाले, कुछ तो बोलेंगे ही
कितने-कितने मुख हैं, कुछ तो मुख खोलेंगे ही
खुल जाएं तो खुल जाने दो
किस-किस का मुँह बंद करोगे
ज़हर भी गर उगलें तो उगलने दो
*जाने दो न*
प्यार गर करते हो तो
फिर किससे तुम डरते
हो
प्यार करने वाले तो सरेआम मिला करते हैं
फूल प्यार के हर युग में ही खिलकर मुर्झाए हैं
मुर्झाने से पहले तो खिल जाने दो क्यों डरते हो
*जाने दो न*
डा.नीलम
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