*विविध हाइकु।।।।।।।।।।*
कभी नरम
जीवन सामंजस्य
कभी गरम
पक्का इरादा
हार नहीं मानना
करो वायदा
आज की नारी
मातृ शक्ति सलाम
नहीं बेचारी
लिखते आह
ये दर्द निकलता
पढ़ते वाह
हमारी चाह
मिल कर ही रहें
एक हो राह
अपने में न
जिंदगी जियो तुम
अपनो में हाँ
ए मेरे खुदा
सरपरस्ती रहे
होना न जुदा
*रचयिता।।एस के कपूर*
*श्री हंस।।।।।।।।बरेली।*
मो 9897071046।।।।
8218685464।।।।।।।
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