एस के कपूर श्री* *हंस।बरेली।*

*हो गया घिनौना है आदमी*
*मुक्तक*


मिट्टी   से      बना   एक 
खिलौना है आदमी।


पर न जाने  क्यों   इतना
घिनौना है आदमी।।


भूल गया है  इंसा मानव
जीवन   के ही अर्थ।


आज स्वार्थ सिद्धि में  हो
गया बौना है आदमी।।


*रचयिता।एस के कपूर श्री*
*हंस।बरेली।*
मो         9897071046
            8218685464


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