एस के कपूर श्री हंस* *बरेली

*विविध हाइकु।।।।।।।।।*



क्षणिक क्रोध
आवेश खोना नहीं
ये अवरोध


सद भावना 
सर्वहित कामना
ये हो भावना


लम्हों की खता
सूझ बूझ से काम
सदियों  सजा


सृष्टि   हर्षाये
फागुन का महीना
होली जो आये


ब्रह्म मुहूर्त
स्वर्णिम होती भोर
नई सूरत


कटे जंगल
प्रकर्ति चेताती है
ये अमंगल


अभिनंदन
मात पिता वंदन
बन चंदन



बदलें सोच
नये आयाम चुने
नवीन खोज


अच्छा चरित्र
तो व्यक्ति श्रेष्ठ बने
हों खूब मित्र


तीरथ यात्रा
मन    पवित्र   बने
गुणों की मात्रा


इश्क ओ मुश्क
छिपते   नहीं  कभी
करें हैं रश्क


*रचयिता।एस के कपूर*
*श्री हंस।बरेली*
मो    9897071046
       8218685464


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