*जीवन//यूँ ही जीने का नाम नहीं है।*
*मुक्तक*
जीवन एक कर्म शाला कोई
ऐशो आराम नहीं है।
है ये संघर्ष का तपोवन कोई
जंग का मैदान नहीं है।।
मत पलायन से बदनाम कर
इस अनमोल जीवन को।
बिन पूरे करे सरोकारों को प्रभु
का उतरता एहसान नहीं है।।
*रचयिता।एस के कपूर श्री हंस।*
*बरेली।*
मो 9897071046
8218685464
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