*बचपन(हाइकु)*
नानी का घर
छुट्टी में मौज मस्ती
न कोई डर
महंगे सस्ते
चंदा मामा दूर के
पास लगते
फिक्र की बात
दूर तक चिंता न
ये है सौगात
खेल खिलौना
बचपन यूँ बीते
हँसना रोना
रूठो मानना
बचपन खजाना
न है हराना
ये बचपन
पाते बच्चे सभी का
अपनापन
ये बच्चे सारे
मात पिता के तारे
बहुत प्यारे
*रचयिता।एस के कपूर*
*श्री हंस।बरेली।*
मो 9897071046
8218685464
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