*जिन्दगी हँसाती भी है, रुलाती*
*भी है।।।।।।।।।।।मुक्तक*
जिन्दगी हर समय हमें यूँ
ही जगाती रहती है।
क्या कर रहे गलत हमें ये
भी बताती रहती है।।
हंसाती भी यही जिन्दगी
ये है गिराती भी ।
जीते जो बस अपने लिये
उन्हें रुलाती रहती है।।
*रचयिता।।एस के कपूर श्री*
*हंस।।।।।।।।।।।।बरेली।।।*
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