एस के कपूर श्री हंस* *बरेली*

*विविध हाइकू।।।।।।।।।।*


हो सरताज
वक़्त बिगड़ा जब
तो मोहताज


महा नगर
अलग  हैं  डगर
हैं बेखबर


कौन है मीत
अजब जग रीत
पैसा है जीत


जीवन अर्थ
रहता    असमर्थ
जीवन व्यर्थ


ये सच्ची प्रीत
दिल से दिल मिले
न जाने रीत


*रचयिता।।एस के कपूर श्री हंस*
*बरेली*
*मोबाइल*        9897071046
                    8218685464


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