*विषय।।।प्यार का इज़हार*
*शीर्षक रचना।।*
*हम और तुम पास पास हों।*
*विधा । छंद मुक्त( तुंकान्त)*
*भाव। प्रेम व श्रृंगार।*
*हम और तुम पास पास हों।।*
हम और तुम पास पास हों।
साथ में बस अहसास हों।
वोह पल बहुत ही खास हों।।
*हम और तुम पास पास हों।।*
साँसे एक मन एक हो जायें।
जन्नत सा स्वप्न हम जगायें।
प्रेम की दास्तां नई बनायें।।
*हम और तुम पास पास हों।।*
गम नहीं हमारे आस पास हों।
हर शब्द भरा विश्वास हों।
हर सुख की भरी आस हो।।
*हम और तुम पास पास हों।।*
कभी न मध्य हमारे विन्यास हो।
बस मिलन की ही आस हो।
बस महोब्बत का ही वास हो।।
*हम और तुम पास पास हों।।*
हरी भरी हर शाख हो।
फूलों की बरसात हो।
और कोई न बात हो।।
*हम और तुम पास पास हों।।*
*हम और तुम आस पास हों।।*
*रचयिता।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली(ऊ प)*
मोबाइल 9897071046
8218685464
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