एस के कपूर* *श्री हंस।।।।।।।बरेली।।*

*विविध मुक्तक।।।।।।*


सोच विचार
योजना से पहले
सही आधार


शिकवा गिला
भूल   बातें   पुरानी
दिलों को मिला


लगाते आग
करते      अपराध
खुद भी खाक


जीवन जंग
हर पल  नया  है
जीवन अंग


ये जी हजूरी
बदल  गया वक्त
अब जरूरी


सबका किस्सा
एक    बात  जरूरी
निभायो हिस्सा


दिल न लगे
जब प्यार है जगे
कुछ न तके


*रचयिता।।एस के कपूर*
*श्री हंस।।बरेली*
मोबाइल 9897071046
             8218685464


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...