एस के कपूर* *श्री हंस।बरेली

*क्रोध और अहंकार(हाइकु)*


क्रोध अंधा है
अहम  का  धंधा  है
बचो गंदा है


अहम क्रोध
कई   हैं  रिश्तेदार
न आत्मबोध


लम्हों की खता
मत  क्रोध  करना
सदियों सजा


ये भाई चारा
ये क्रोध है हत्यारा
प्रेम दुत्कारा


ये क्रोधी व्यक्ति
स्वास्थ्य सदा खराब
न बने हस्ती


क्रोध का धब्बा
बचके     रहना   है
ए   मेरे अब्बा


ये अहंकार 
जाते हैं यश धन
ओ एतबार


जब शराब
लत लगती यह
काम खराब



*रचयिता।एस के कपूर*
*श्री हंस।बरेली*
मो    9897071046
        8218685464


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