एस के कपूर श्री हंस*
*बरेली*
दिया एक रोशनी का जला कर तो*
*देखो।।।।।।।।।।मुक्तक।।।।।।।।।*
बनो तुम उजाला अंधेरों को
तुम जरा चुरा कर देखो।
जरा दिल साफ कर दीवार
नफरत की गिरा कर देखो।।
लगा कर तो देखो तुम भी
कोई एक प्रेम का पौधा।
बहुत सुकून मिलेगा दिया एक
प्रेम का जला कर तो देखो।।
*रचयिता।।एस के कपूर श्री हंस*
*बरेली*
*मोबाइल* 9897071046
8218685464
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