*विविध हाइकु।।।।।।*
ये पहचान
अच्छे दोस्तों की है
होते कुर्बान
सफर जारी
चलना हिम्मत से
ये है तैयारी
जो हम बोते
पाते वैसा ही हम
हंसे या रोते
ये तकदीर
तेरे अपने हाथ
बने तस्वीर
हिचकी आना
बुला रहा कोई है
दूर न मकां
बुरा कोई ना
नज़रों का फेर है
एक सा समां
हाथ का खेल
पत्थर बदनाम
मन की रेल
कैसा जमाना
करे पर भरे ना
ऐसा जमाना
*रचयिता।एस के कपूर*
*श्री हंस।बरेली।*
मो 9897071046
8218685464
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