*रामायण (हाइकु)*
दिया वचन
मर्यादा पुरुष थे
वन गमन
वानर भेष
अहंकारी लंकेश
बचा न शेष
जटायु प्राण
लगा दी पूरी जान
काम महान
भरत जैसा
कोई भाई नहीं है
करे जो ऐसा
वीर रावण
ज्ञान नहीं विवेक
मृत्यु धारण
माता जानकी
दी थी अग्नि परीक्षा
स्त्री के मान की
*रचयिता।एस के कपूर*
*श्री हंस।बरेली*
मोबाइल
9897071046
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