एस के कपूर श्री* *हंस।बरेली।* मो        

*बस आदमी इंसान बने*
*मुक्तक*


पत्थर  से बने    देवता 
न   कि   शैतान   बने।


आदमी  बने   इंसान न
कि   वो    हैवान  बने।।


सृष्टि  का  चक्र  चलता
मानवता  की  धुरी पर।


बस  आदमी इंसानियत
पर जरा  मेहरबान  बने।।


*रचयिता।एस के कपूर श्री*
*हंस।बरेली।*
मो         9897071046
             8218685464


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...