*तेरे विचारों से ही तेरे विचारों का*
*निर्माण होगा।।।।।।।।मुक्तक।।।*
तेरे विचार ही चल कर फिर
तेरे शब्द वर्ण बनेंगें।
तेरे शब्द फिर आगे सिद्ध
तेरा कर्म करेंगें।।
तेरे कर्म ही निर्माण करेंगें
व्यक्तित्व ओ चरित्र।
निश्चित होगा जिससे कैसे
तेरे भाग्य धर्म चलेंगें।।
*रचयिता।एस के कपूर श्री*
*हंस।बरेली*
मोबाइल9897071046
8218685464
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