एस के कपूर श्री हंस* *बरेली* हाइकू

*विविध हाइकु।।।।।।।।।।।*


यह मुखौटा
चेहरे  पे  चेहरा
है दिल खोटा


गठ बंधन
स्वार्थ की ये दोस्ती है
बन नन्दन


प्रभु की भक्ति
नर   सेवा   इससे
मिलती शक्ति


यह गलती
मिटता ये अहम
तब दिखती


मेरे अपने
दिल के ये टुकड़े
मेरे सपने


ये    मेहमान
चार दिन की बस
जिन्दगी नाम


ये कलाकार
बदले   किरदार
हैं  फनकार


पैसा ओ पैसा
आज बन   गया है
जीवन   ऐसा


यह सुविधा
नहीं मिलती जब
बढे दुविधा


ये आसमान
सोचो करो बड़ा हो
तेरा मुकाम


*रचयिता।।।एस के कपूर श्री हंस*
*बरेली*
*मोबाइल।*         9897071046
                        8218685464


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