*तन नहीं मन है परख आदमी की।*
*मुक्तक*
आदमी के दिल और जमीर
में सीरत टटोलिये।
मत शक्ल और लिबास में
उसकी कीरत टटोलिये।।
ज्ञान ,नियत और भावना हैं
गुण अच्छे आदमी के।
हो सके तो उसके अंतर्मन
का तीरथ टटोलिये।।
*रचयिता।एस के कपूर श्री हंस*
*बरेली*
मो 9897071046
8218685464
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